आवश्यक निर्देश(Necessary Instructions)
1. मुख्य अनुशासनाधिकारी द्वारा समय-समय पर दिये गये लोकहित अथवा मौखिक निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा |
2. प्रवेश के उपरान्त १५ दिन के अन्दर प्रदेश रसीद प्रस्तुत कर परिचय-पत्र बनवा लेना आवश्यक हैं |
3. परिचय पत्र विद्यार्थियों को सदैव अपने पास रखना होगा | महाविद्यालय के किसी भी अधिकारी या प्राद्ग्यापक द्वारा परिचय पत्र माँगने पर उसे दिखाना आवश्यक हैं अन्यथा विद्यार्थी दण्ड के भागी होगें |
4. परिचय पत्र खो जाने तथा नष्ट हो जाने पर विद्यार्थी इसकी लिखित सूचना अनुशासनाधिकारी को देना ताकि वह निर्धारित शुल्क जमा करके अपना परिचय पत्र पुनः प्राप्त करने के लिए आवेदन पत्र प्रस्तुत करेगा |
5. स्थानान्तरण/चरित्र प्रमाण पत्र अनुशासनाधिकारी/व्यस्थापक द्वारा प्रदान किया जायेगा | प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए दो दिन पूर्व आवेदन पत्र प्रस्तुत करना होगा |
6. किसी भी छात्र/छात्रा को दोबारा चेतावनी के बाद उसके द्वारा किये गये अशोभनीय क्रिया-कलापों को चरित्र प्रमाण पत्र में अंकित कर दिया जायेगा |
7. महाविद्यालय के छात्र/छात्राओं के लिए साइकिल/वाहन स्टैण्ड बना हुआ हैं | कार्यालय में निर्धारित शुल्क जमा कर वाहन स्टैण्ड कार्ड बनवा लें व नियमानुसार वाहन खड़ा करें ताकि सुरक्षित एवं व्यवस्थित रहें |
8. छात्र/छात्राओं को महाविद्यालय परिसर एवं भवनों की स्वच्छता पर विशेष ध्यान देना होगा | पान या गुटका खाकर थूकने/गन्दा करने पर दण्डित किया जायेगा |
9. महाविद्यालय आते या जाते समय सूचना-पट्ट का अवलोकन एक बार अवश्य करें |
10. छात्र/छात्रा कार्यालय/पुस्तकालय इत्यादि किसी भी काउन्टर पर पंक्तिबद्ध होकर ही उपलब्ध सुविधाओं का उपयोग करें |
11. महाविद्यालय परिसर/शिक्षण कक्ष में मोबाइल एवं कैमरे का प्रयोग वर्जित हैं | नियमो का उल्घन करने वाले के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी |
12. विद्यालयीय/कार्यालयीय/विभागीय/विश्वविद्यालयीय/अन्य किसी प्रकार की गतिविधियाँ, कार्यवाही तथा कार्यालय एवं सम्मलेन की जानकारी छात्र/छात्रा स्वयं करते रहें अन्यथा अभाव में किसी प्रकार की त्रुटि की जिम्मेदारी स्वयं छात्र/छात्रा की होगी |
13. महाविद्यालय द्वारा निर्धारित प्रवेश में ही छात्र/छात्रा कक्षा में उपस्थित हों |
अनुशासन परिषद
विद्यार्थियों में अनुशासन एवं उत्तरदायित्व की भावना का विकास करने के लिए अनुशासन परिषद ( प्राक्टोरियल बोर्ड ) का गठन किया गया हैं | प्रत्येक विद्यार्थी से अपेक्षा की जाती हैं कि अनुशासन की व्यवस्था बनाएं रखने में अधिकारियों के साथ पूर्ण सहयोग करें तथा ऐसा कोई भी कार्य न करें जिससे महाविद्यालय की गरिमा को क्षति पहुँचें |
Admission B.Ed.
बी.एड. कोर्स दो साल की स्नातक डिग्री है। बी.एड. कार्यक्रम में प्रवेश में एक कैरियर शामिल है, जहाँ उम्मीदवार शिक्षक बन सकते हैं या शिक्षा उद्योग में कुछ प्रशासनिक पद संभाल सकते हैं। बी.एड. पाठ्यक्रम 2 (दो) वर्षों के लिए पेश किए जाते हैं और छात्रों को कई विषयों और अवधारणाओं के बारे में सिखाते हैं जैसे शिक्षण शिक्षाशास्त्र, पाठ्यक्रम विकास, शैक्षिक मनोविज्ञान, निर्देशात्मक रणनीति, विषय-विशिष्ट प्रशिक्षण, प्रशिक्षकों और छात्रों के लिए शिक्षण और सीखने की तकनीक, कक्षा प्रबंधन कार्यक्रम, आदि।
पिछले कुछ सालों में बी.एड. में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा या योग्यता आधारित चयन प्रक्रिया शुरू की गई है। कोर्स पूरा करने के बाद, स्नातकों के पास प्राथमिक से लेकर माध्यमिक शिक्षा तक विभिन्न स्तरों पर पढ़ाने की क्षमता के साथ-साथ करियर के भरपूर अवसर होते हैं।
बैचलर ऑफ एजुकेशन प्रोग्राम ने शिक्षा उद्योग को बेहतर गुणवत्ता वाले शिक्षकों को शामिल करने में सक्षम बनाया है जो छात्रों के भविष्य के निर्माण के लिए आवश्यक हैं। पाठ्यक्रम विकास, पाठ योजना, कक्षा प्रबंधन और प्रभावी संचार जैसे शिक्षण कौशल छात्र के मनोविज्ञान और सीखने की शैलियों को समझने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जिससे छात्रों को शिक्षकों के साथ अधिक प्रभावी ढंग से जुड़ने में मदद मिलती है।
बी.एड. में प्रवेश से शिक्षा के क्षेत्र में एक पुरस्कृत करियर का द्वार खुलता है। बी.एड. कोर्स को उच्च शिक्षा के लिए एक कदम माना जाता है। बी.एड. पूरा करने के बाद एम.एड. करने की अधिक संभावनाएं हैं। इसके अलावा बी.एड. पूरा करने के बाद छात्र शिक्षण में विशेष प्रमाणन का विकल्प भी चुन सकते हैं, जिससे अंततः आकांक्षी की विशेषज्ञता में वृद्धि होगी और संभावित रूप से स्कूल नेतृत्व या उच्च शिक्षा संकाय जैसी भूमिकाओं में आगे बढ़ेंगे।
Admission in D.El.Ed. (BTC)
डी.एल.एड. प्राथमिक शिक्षा में डिप्लोमा कोर्स है। यह प्राथमिक स्तर के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए 2 साल का पूर्णकालिक डिप्लोमा कोर्स है और इसे कक्षा प्रशिक्षण या दूरस्थ शिक्षा के साथ किया जा सकता है। यह देश के विभिन्न राज्यों में प्राथमिक/उच्च प्राथमिक विद्यालयों में काम करने के लिए छात्रों को तैयार करने के लिए 4 सेमेस्टर का कोर्स है। कोर्स का डिज़ाइन ऐसा है कि इसमें कक्षा प्रशिक्षण के साथ-साथ व्यावहारिक प्रशिक्षण और इंटर्नशिप भी शामिल है। इसमें बाल विकास के सिद्धांत, शिक्षा अभ्यास और छात्रों को तैयार करने में शिक्षक की भूमिका शामिल है।
Admission in B.P.Ed.
किसी भी विषय में 50% अंकों के साथ स्नातक की डिग्री और AIU/IOA/SGFI/भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त खेल और खेलों में अंतर महाविद्यालय/अंतर क्षेत्रीय/जिला/विद्यालय प्रतियोगिता में कम से कम भागीदारी। या 45% अंकों के साथ शारीरिक शिक्षा में स्नातक की डिग्री। या 45% अंकों के साथ किसी भी विषय में स्नातक की डिग्री और अनिवार्य/वैकल्पिक विषय के रूप में शारीरिक शिक्षा का अध्ययन किया हो।